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Showing posts from March, 2017

पुरुषों के रोग व सेक्स संबंधी समस्याएं

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पुरुषों के रोग व सेक्स संबंधी समस्याएं शीघ्रपतन के घरेलू नुस्‍खे 1। मुलहठी चुर्ण - 100 ग्राम, देशी घी -200 ग्राम, शहद -100 ग्राम, बंग भस्म -20 ग्राम मिलाकर एक एक चम्मच सुबह शाम लें। 2। सफ़ेदी मूसली -100 ग्राम, तालमखाना -200 ग्राम, गोखूरू 300 ग्राम, मिश्री -600 ग्राम मिलाकर एक एक चम्मच सुबह शाम लें। नपुसंकता के लिए घरेलू उपाय तिल के तेल में दो ग्राम. आक का तेल मिलाकर पूरे शरीर पर मालिश करें बताशे में तीन बूंद आक का तेल डालकर एक माह तक सेवन करें सौ.ग्राम गाजर के हलुआ में धो बूंद आक का दूध मिलाकर खायें सौ.ग्राम,मूली के बीज पीस लें इसमें से 5-5ग्राम चूर्ण रोज दही के साथ चाटें सौ.ग्राम.लहसुन घी में भून कर पीस लें,इसमें से दोचुटकी चूर्ण रोज दही या मटठे के साथलें पीपल पर लगने वाला फल छाया में सुखा कर पीस लें, इस चूर्ण को एक चौथाई चम्मच(.250ग्र) दूध में डालकर पियें. चिलगोजे जो सूखा मेवा होता है इसे कम से कम दो माह तक रोज खायें इसमें मर्दाना ताकत होती है।उसे लंबे समय.तक खाने से कोई नुकसान नहीं है अदरक का रस यौनशक्ति बढाताहै, इसे एक .चम्मच शहद के साथ रोज लें कोई न...

रक्ताल्पता की घरेलू चिकि्त्सा

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रक्ताल्पता की घरेलू चिकि्त्सा खून में हेमोग्लोबिन या रक्त कण की कमी हो जाने को एनिमिया अर्थात रक्ताल्पता का रोग कहा जाता है। हमारे शरीर की शिराओं और धमनियों में जो खून प्रवाहित होता है उसमें करीब आधा भाग रक्त कणों का होता है। ये रक्तकण आक्सीजन को शरीर के विभिन्न ऊतकों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इन रक्त कणों के निर्माण में आयरन (लोहतत्व), प्रोटीन, और विटामिन्स ,खास कर फ़ोलिक एसिड और विटामिन बी१२ की अहम भूमिका रहती है। इन रक्त कणों का जीवन काल लगभग चार माह का होता है । फ़िर ये नष्ट हो जाते हैं और इनकी जगह नये रक्त कण आ जाते हैं। इन्सान के शरीर के १०० ग्राम खून में करीब १५ ग्राम हेमोग्लोबिन होना आवश्यक है। प्रति मिलि लिटर खून में ५ मिलियन रक्तकण मौजूद रहना जरूरी है। यह भी बताते चलें कि हमारी मज्जा(bone marrow) में रक्तकण बनाने की फ़ेक्टरी है जो रोजाना तकरीबन १०० मिलियन नये रक्त कण बनाकर शरीर को सप्लाई करती रहती है रक्ताल्पता के लक्षण शरीर में खून की कमी हो जाने पर रोगी कमजोरी, थकावट, शक्तिहीनता और चक्कर आना जैसे लक्छण बताता है। अन्य लक्छण गिनावें तो चमडी पर सम...

जवान बने रहने के बेहद खास प्राचीन उपाय

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जवान बने रहने के बेहद खास प्राचीन उपाय ज्यादा पानी पीयें- वचा की झुर्रियां बुढापे का प्रमुख लक्षण होता है। दिन भर में ४ लीटर पानी पीना इसका कारगर उपचार है। अधिक पानी पीने से शरीर के अन्य कई रोग दूर होते हैं। तनाव से बचें- क्रोध करने और मानसिक चिंता से समय से पहिले ही त्वचा पर झुर्रिया आने लगती हैं। दिमागी तनाव से हमारे शरीर में एक रासायनिक प्रक्रिया उत्पन्न होती है जिससे कोर्टिसोल उत्पन्न होता है जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान न करें- बीडी,सिगरेट पीने वालों की त्वचा पर सिलवटें बुढापा आने से पहिले ही दिखाई देने लगती हैं। धूम्र पान से शरीर में ऐसे एन्जाईम्स उत्पन्न होते हैं जो झुर्रियों के लिये जिम्मेदार माने गये हैं। जेतुन के तैल में नींबू का रस मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से चेहरे की त्वचा की झुर्रियां नियंत्रित होती हैं। चेहरे पर चमक लाने का यह अच्छा उपाय है। विटामिन सी- विटामिन सी का अधिक मात्रा में सेवन करना परम हितकारी उपचार है। इस विटामिन के सेवन करने से त्वचा की झुर्रियों का निवारण होता है। इसके अच्छे स्रोत हैं--आंवला,संतरा,पपीता,नी...

मां का दूध बढ़ाते हैं यह 20 उपाय

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दूध का बढ़ाना परिचय: शिशुओं का सर्वोत्तम भोजन मां का दूध है। बच्चे को दूध प्रसन्न मुद्रा में पिलाना चाहिए। क्रोध में दूध पिलाने से बच्चे के पेट में दर्द और ऐंठन होने लगती है। शिशु जन्म के प्रथम तीन दिन तक मां का दूध बच्चों को नहीं पिलाना चाहिए। कारण : प्रसूता स्त्रियों में देखा गया है कि कुछ कमजोर कारणों से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता है जिसके कारण शरीर का कमजोर होना, दु:ख और चिंता का सताना तथा कलह का वातावरण होना स्त्रियों के छाती में दूध के कम होने के कारण होते हैं चिकित्सा: 1. विदारीकन्द : विदारीकन्द 100 ग्राम, मुलेठी 100 ग्राम तथा शतावर 100 ग्राम लेकर इसे कूट-पीस और छानकर चूर्ण बना लें। इसका 10 ग्राम चूर्ण और 10 ग्राम पिसी हुई मिश्री एक गिलास दूध में डालकर आधे घंटे तक उबाले इसे थोड़ा ठण्डा करके सोने से पहले घूंट-घूंट कर पीयें। इसे 40 दिन तक अवश्य पीना चाहिए। इस प्रयोग से स्तनों में दूध की बहुत अधिक वृद्धि होती है। 2. जीरा: सफेद जीरा, सौंफ तथा मिश्री तीनों का अलग-अलग चूर्ण बनाकर समान मात्रा में मिलाकर रख लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ दिन ...

ड्राई आंखों के लक्षण / उपचार/ इलाज

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ड्राई आंखों के लक्षण / उपचार/ इलाज- आँखें शरीर का काफी नाज़ुक अंग होती हैं और कई तरह की समस्याएं ऐसी हैं जिनसे ये प्रभावित हो सकती हैं। आँखों के संक्रमण के कई कारण हो सकते हैं, पर इनके मुख्य कारण होते हैं छोटे जीवाणु और वायरस से हुआ संक्रमण। कभी कभी ऐसे संक्रमण आँखों में कुछ चले जाने की वजह से होते हैं जैसे धुल या गन्दगी। जो लोग खराब लेंस पहनते हैं उनके भी इस संक्रमण के शिकार होने की संभावना काफी ज़्यादा रहती है।  ऐसी दिक्‍कत से परेशान होने वाले अकेले इंसान नहीं है, आजकल हर तीसरे इंसान को आंखों में जलन, खुजली और ड्राईनेस की समस्‍या है। ड्राई आंखों का मतलब होता है पलकों के नीचे आंखों में रूखापन आ जाना। सर्दियों में इस तरह की समस्‍या ज्‍यादा होती है क्‍योंकि वातावरण में ठंडी हवा चलती है और घर के अंदर का तापमान बाहर से अलग होता है, ऐसे में आंखों पर असर पड़ता है। आंखों की सही क्रियाकलाप के लिए आंखों में आंसू का बनना जरूरी होता है, अगर आंखों में आंसू न बनते हो, तो आपको ड्राई आईज की प्रॉब्लम है, क्‍योंकि आंसू आपकी आईबॉल को गीला करने का काम करते है। आंखों के ड्राई ...

पेट की चर्बी कम करने के उपाय

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पेट की चर्बी कम करने के उपाय- पेट की बढ़ती चर्बी कई परेशानियों का कारण हो सकता है। सबसे पहले तो यह आपके लुक को खराब करता है इसके अलावा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। अनियमित खानपान और शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण यह समस्या होती है। लौकी- लौकी में कम केलोरी होने के साथ ही प्रचुर रेशा और पानी की मात्रा होती है जो भूख को नियंत्रित रखते हैं| अपने दिन की शुरुआत एक गिलास लौकी के जूस से करना उचित है| इससे शरीर को फाईबर मिलेगा और केलोरी कम होंगी| लौकी के जूस को छानना नहीं चाहिए | छानने पर फाईबर की मात्रा कम हो जाती है| ब्रोकोली- ब्रोकोली में वसा बिलकुल भी नहीं होती है| यह विटामिन,प्रोटीन,कार्बोहाईड्रेट से भरपूर होती है| यह जल्दी पच जाती है| इसमें विटामिन ई केल्सियम,आयरन ,मेग्नेशियम आदि तत्व पाए जाते हैं| यह सब्जी मोटापा कम करने में मददगार होती है| कद्दू- कद्दू की सब्जी खाने में कुछ मीठी लगती है | सुबह के वक्त इसका जूस पीने से लाभ होता है| इसके अंदर केरोटीन पाया जाता है जो मोटापा कम करने में सहायक है| कद्दू को सलाद के तौर पर भी इस्तेमाल क...

आँखों की देखभाल और चश्मा हटाने के लिए उपाय

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आँखों की देखभाल और चश्मा हटाने के लिए  उपाय- आँखे शरीर के लिए अनमोल हैं। आँखे अँधेरे कमरे में दीपक के सामान हैं। टी वी और कंप्यूटर के ज़माने में आँखों की संभाल बहुत ज़रूरी हैं। आज कल तो छोटे बच्चो को ही आँखों के चश्मे लग जाते हैं। अगर आपकी आँखे कमज़ोर हो गयी हैं, चश्मा लग गया हैं, निरंतर पानी बहता हैं, सूजन रहती हैं। तो इन नुस्खों को ज़रूर अपनाये। इस से आपकी आँखे फिर से स्वस्थ हो जाएँगी। नेत्र-स्नान- आँखों को स्वच्छ, शीतल और निरोगी रखने के लिए प्रातः बिस्तर से उठकर, भोजन के बाद, दिन में कई बार और सोते समय मुँह में पानी भरकर आँखों पर स्वच्छ, शीतल जल के छींटे मारें। इससे आँखों की ज्योति बढ़ती है। ध्यान रहे कि मुँह का पानी गर्म न होने पाये। गर्म होने पर पानी बदल लें। मुँह में से पानी निकालते समय भी पूरे जोर से मुँह फुलाते हुए वेग से पानी को छोड़ें। इससे ज्यादा लाभ होता है। आँखों के आस-पास झुर्रियाँ नहीं पड़तीं। इसके अलावा अगर पढ़ते समय अथवा आँखों का अन्य कोई बारीक कार्य करते समय आँखों में जरा भी थकान महसूस हो तो इसी विधि से ठंडे पानी से आँखों को धोये...